Tuesday, 10 September 2013

vajud

*  वजूद  *
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एक दुसरे से करते है प्यार  हम।

एक दुसरे का सब वजूद है हम।

एक दुसरे की हिम्मत और ताकत है हम।

डूबते को बचाते गिरते को ऊपर उठाते वो ताकत है हम।

कोई किसी पर अहसान नहीं करता कर्म सब करते है हम।

एक दुसरे का सहारा ओर ख़ुशी  है हम।

ना कोई छोटा ना कोई बड़ा सब समान  है हम

ना कोई हिन्दू /मुस्लिम ,ना कोई सिक्ख /ईसाई  सब एक इंसान हैं हम।
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* बिनेश कुमार  * १०/९/१३ *  

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