* उड़ान *
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आसमान में उड़ान तो बहुत से पक्षी ओर हवाई जहाज भी उड़ते है।
लेकिन उन्हें देखता कोई -कोई है
आप कामयाबी की एसी ऊँची उड़ान उड़ो।
जो आपको जाने -अनजाने भी अपना सर ऊपर उठाकर अपनी नजरों से तुम्हें देखना चाहें।
जब कभी तुम उनके करीब से गुजरो तो हर कोई आपसे निःसंकोच मिलना चाहे।
ऐसी उड़ान कभी न भरना जिसमें बदनामी ओर नफरत हर एक दिल से तुम्हें मिले।
जब कभी तुम जाने -अनजानो के करीब से गुजरो तो वे अपनी नजरेंझुकाकर तुम्हें अनदेखा न करें।
जब वक्त बदलता है माहोल भी खुद बदल जाता है।
अक्सर नये रिश्तों और नई चाहत की खोज में हम अपने पुराने रिश्तों को भूल जाते हैं।
अक्सर हम अपनी कामयाबी ओर खुशियों की रौशनी में ऐसे चकाचौंध हो जाते हैं।
जिनकी ऊँगली पकड़कर हम संसार में कदम रखना सीखते है।
और दुनिया को उनकी नजरों से देखते है हम अक्सर उन्हें ही भूल जाते हैं।
ऐसी उड़ान भी किस काम की जब वक्त बदले और ऊपर से निचे जमीं पर गिरें।
कोई सँभालने वाला भी हमारे करीब ना हो न दर्द पर कोई मरहम लगाने वाला हो ,.
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* बिनेश कुमार * १३/९/१३ *
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