* उनका जीवन कैसा होगा *
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जब किसी का सहारा उससे दूर हो जाये।
अंधे और लंगड़े की लाठी की तरह।
जब किसी की रात बगैर नींद ओर दिन बिना चैन के बीते।
उनका जीवन भला कैसा होगा।
मन को खाना -पीना न भाये रिश्तों की दुरी के गम में।
बीन पानी मछली तडपे ,डाल से काटकर फूल मुरझाये जैसे।
जिन्दगी जीने का सहारा जिनसे दूर हो जाये ।
उनका जीवन भला कैसा होगा । .
जिनसे मिलकर दुःख -दर्द कम , भूख -प्यास मिट जाये।
अपनों से बिछड़ने के गम में जीने का मकसद बदल जाये।
जिन्दगी मौत से बद्दर जिनकी हो जाये।
उनका जीवन भला कैसा होगा।
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* बिनेश कुमार * २८/९/२०१३ * प्रात : ४ बजे *
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