* बेजुबान ऐसे बोलते है *
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जो लोग मुंह से अपने कुछ नहीं बोलते हैं।
उनके लिखे हाथों से वो शब्द बोलते हैं।
उनके दिल की असलियत के वे हर राज खोलते हैं।
जो कर्म अच्छा लगन ओर महनत से करते हैं।
वे कभी फल की उम्मीद नहीं करते हैं।
वे अक्सर अपनी मंजिल में कामयाब होते हैं।
जो पहले फल की उम्मीद लेकर कर्म करता है।
वे कभी अपनी मंजिल में कामयाब नहीं होते हैं।
कर्मों का फल देना तो भगवान् का काम है।
जो खुद को ना बेचता है ओर न किसी को खरीदता है।
जमीन पे रहने वाले इंसान से फल की उम्मीद क्या करोगे।
जो खुद को ही कदम -कदम पे बेचता है।
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* बिनेश कुमार * २१/९/२०१३ * दोपहर १२ बजे *
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