* हाल ए दिल *
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दोस्तों जो तुम्हारा हाल है ,वो ही मेरा भी हाल है !
जरा घर से बाहर निकल कर तो देखो , सारी दुनियां का ही बुरा हाल है !
कोई धन को सँभालने के लिए तो कोई धन की चाहत में परेशान है !
कोई ज्यादा ख़ुशी से तो कोई ज्यादा गम -दर्द से परेशान है !
अपने दर्द -गम को हर कोई बड़ा समझता है !
जब दूसरों के दर्द -गम को देखते है , तब अपना दर्द -गम खुद ही कम लगने लगता है !
दोस्तों ये मैं नाम का कीड़ा है ही इतना खतरनाक और बुरा ,
लोगों के दिलों -दिमाग से निकलने का नाम ही नहीं लेता !
दोस्तों ये कीड़ा तो हर एक इंसान की जिन्दगी से जुड़ा है !
दोस्तों इसे दिलों -दिमाग से निकल पाना इतना आसान नहीं है !
दोस्तों इंसान की जिन्दगी गुजर जाती है
इंसान दुनियां से भी चले जाते हैं !
बस पीछे छोड़ जाते हैं ,तो एक अपनी पहचान ,
जो उन्होंने अपने जीवन में कर्म करके बनाई होती है दोस्तों !!
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* बिनेश कुमार * ३/८/१३ * धन्यवाद *
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