Thursday, 8 August 2013

haal a dil

*   हाल ए दिल  *
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दोस्तों  जो तुम्हारा हाल  है ,वो ही मेरा भी हाल है !
जरा घर से बाहर  निकल कर तो देखो , सारी दुनियां  का ही बुरा हाल है !
कोई धन को सँभालने के लिए तो कोई धन की चाहत  में परेशान है !
कोई ज्यादा ख़ुशी  से तो कोई ज्यादा गम -दर्द  से परेशान  है  !
अपने दर्द -गम को हर कोई बड़ा समझता  है !
जब दूसरों  के दर्द -गम को देखते है , तब अपना दर्द -गम खुद ही कम लगने  लगता है !
दोस्तों  ये मैं नाम का कीड़ा है ही इतना खतरनाक और बुरा ,
लोगों के दिलों -दिमाग  से निकलने का नाम ही नहीं लेता !
दोस्तों ये कीड़ा तो हर एक इंसान की जिन्दगी से जुड़ा है !
दोस्तों इसे दिलों -दिमाग से निकल पाना इतना आसान  नहीं है !
दोस्तों इंसान की जिन्दगी गुजर जाती है
इंसान दुनियां  से भी चले जाते हैं !
बस पीछे छोड़ जाते हैं ,तो एक अपनी पहचान ,
जो उन्होंने अपने जीवन में कर्म करके बनाई होती है दोस्तों !!
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 * बिनेश कुमार  * ३/८/१३ *  धन्यवाद  *  

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