वतन तेरे लिए *
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ए मेरे वतन,ए मेरे वतन , ए मेरे वतन !
हमें जीना -मरना है ए वतन तेरे लिए ,
हमारी हर सांस , हर दिल की धड़कन है ए वतन तेरे लिए !
देश की सरहदों पर वीरों ने सिर अपने कटवा दिए ,लहू बहा दिया !
ए वतन तेरे लिए , ए वतन तेरे लिए। ………
जिस माँ ने हमें जन्म दिया अपने आँचल के नीचे !
उस माँ के आँचल का कफ़न नसीब ना हुआ !
ए वतन तेरे खातिर, ए वतन तेरे खातिर !........
जब लोग अपने परिवार के साथ त्यौहार मना रहे थे !
देश के वीर जवान उस दिन अपना लहू बहा रहे थे !
ए वतन तेरे लिए , ए वतन तेरे लिए। …।
उन्हें कफ़न नसीब हुआ धरती माँ के आँचल का खुले आसमान के नीचे !
आखिरी दीदार भी नसीब न हुआ माता -पिता ,बहन -भाई ,पत्नी -बच्चों का !
ए वतन तेरे खातिर , ए वतन तेरे खातिर। ……….
हम जियेंगे और मरेंगे ,ए वतन तेरे लिए। ……
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* बिनेश कुमार * १०/८/२०१३ * धन्यवाद * vvv
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