Thursday, 22 August 2013

Geet e vatan ter liye



वतन तेरे लिए *
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ए मेरे वतन,ए मेरे वतन , ए मेरे वतन ! 

हमें जीना -मरना है ए वतन तेरे लिए ,
 

हमारी हर सांस , हर दिल की धड़कन  है ए वतन तेरे लिए !
 

देश की सरहदों पर वीरों ने सिर अपने कटवा दिए ,लहू बहा दिया !
 

ए वतन तेरे लिए , ए वतन तेरे लिए। ……… 
 

जिस माँ ने हमें जन्म दिया अपने आँचल के नीचे !
 

उस माँ के आँचल का कफ़न नसीब ना हुआ !
 

ए वतन तेरे खातिर, ए वतन तेरे खातिर !........
 

जब लोग अपने परिवार के साथ त्यौहार मना रहे थे !
 

देश के वीर जवान उस दिन अपना लहू बहा रहे थे !
 

ए वतन तेरे लिए , ए वतन तेरे लिए। …। 
 

उन्हें कफ़न नसीब हुआ धरती माँ के आँचल का खुले आसमान के नीचे !
 

आखिरी दीदार भी नसीब न हुआ माता -पिता ,बहन -भाई ,पत्नी -बच्चों का !
 

ए वतन तेरे खातिर , ए वतन तेरे खातिर। ………. 
 

हम जियेंगे और मरेंगे ,ए वतन तेरे लिए। …… 
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* बिनेश कुमार * १०/८/२०१३ * धन्यवाद * vvv

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