Monday, 14 October 2013



* शायरी अंदाज *
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*बहुत मुद्दत के बाद आज हमारे आँगन  में चौहदवीं का चाँद निकला है।

काफी इन्तजार के बाद मेरे दोस्त का जबाव आया है।

जिस दोस्त को मैं काफी अरसे से तलाश  रहा था।

न जाने वो किस अंधरे में गुम  हो गया था।

बीन बताये मुझसे दूर चला गया था।

आज उसके आये सन्देश से मुझे एक रौशनी की किरण नज़र आई है।

जिसे मैं समझ बैठा था वो दूर चला गया आज वो मेरे करीब नज़र आया है।


*बगिया में खिले व् महकते  फूल हर एक को पसंद आते हैं।

इस तरह आपके मन की ख़ुशी ओर चहरे की मुस्कान ,

अपने हों या पराये हर किसी को अच्छी लगती है।



* जिसकी हमें मुद्दत से तलाश थी वो तलाश हो तुम।

एक अपनों के जैसे दोस्त का फ़र्ज़ निभाओगे वो दोस्त हो तुम।

जब  वक्त बदलेगा खुशियाँ तुम्हारे पास अपार होंगी।

हमें उम्मीद है खुशियों की चमक में हमें कभी न भूलोगे  तुम।
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* बिनेश कुमार  * १३/१०/२०१३ *

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