Friday, 4 October 2013

* ॐ * प्यार है अनमोल तोफा ओर ताकत भारी *



  * ॐ *
 
*  प्यार है अनमोल तोफा ओर ताकत  भारी *
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ए  दिल अब तू ही मुझे बता।

मैं तुझे ऐसा क्या तोफा दूँ।

जो  कोई उसे  चाहकर भी न देख ,न समझ सके।

कोई उसे तुझसे चुरा के न लेजा सके।

प्यार है अनमोल तोफा तेरे लिए।

प्यार ही है हर ताकत से बढ़कर तेरे लिए।

दुश्मन भी चाहकर तेरा कुछ बिगाड़ न पाए।

कोई दर्पण लेकर भी उसे ढूंढ़  न पाए।

हजारों की भीड़ में तू मुझे पहचान पाए।

आखरी सांस तक भी कोई हमें दूर न कर पाए।

हमारे बीच बेसक दूरी बढ़ जाए।

हम कभी एक -दुसरे से दूर न हो पायेंगे।

नफरत है एक ऐसा पत्थर जब किसी को लग जाए।

उसे टूटकर बिखरने से कोई बचा न पायेगा।

बस हमें हर एक कदम पे सावधान रहना होगा।

कोई दुश्मन हमारे बीच नफरत का पत्थर फैक  ना जाए।
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   * बिनेश कुमार  * ४/ १०/ २०१३  * प्रात : ४ बजे *   

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