* ॐ *
* प्यार है अनमोल तोफा ओर ताकत भारी *
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ए दिल अब तू ही मुझे बता।
मैं तुझे ऐसा क्या तोफा दूँ।
जो कोई उसे चाहकर भी न देख ,न समझ सके।
कोई उसे तुझसे चुरा के न लेजा सके।
प्यार है अनमोल तोफा तेरे लिए।
प्यार ही है हर ताकत से बढ़कर तेरे लिए।
दुश्मन भी चाहकर तेरा कुछ बिगाड़ न पाए।
कोई दर्पण लेकर भी उसे ढूंढ़ न पाए।
हजारों की भीड़ में तू मुझे पहचान पाए।
आखरी सांस तक भी कोई हमें दूर न कर पाए।
हमारे बीच बेसक दूरी बढ़ जाए।
हम कभी एक -दुसरे से दूर न हो पायेंगे।
नफरत है एक ऐसा पत्थर जब किसी को लग जाए।
उसे टूटकर बिखरने से कोई बचा न पायेगा।
बस हमें हर एक कदम पे सावधान रहना होगा।
कोई दुश्मन हमारे बीच नफरत का पत्थर फैक ना जाए।
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* बिनेश कुमार * ४/ १०/ २०१३ * प्रात : ४ बजे *
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