Friday, 18 October 2013

* शायरी अंदाज *



* शायरी  अंदाज  *
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दोस्तों -- शेर का शिकार  शेर दिल ही करते हैं जैसे।

बहती दरिया में अक्सर तैराकी ही डूबते हैं ऐसे।

डूबते को बचाने के लिए एक तिनके का सहारा ही काफी होता है।
जो रहते हैं इस उम्मीद में हमें अपने ही डूबने  से बचायेंगे  आके।

वे अक्सर उम्मीद करते करते डूब ही जाते हैं।

क्यूंकि अक्सर अपने उस वक्त आस -पास भी नहीं होते हैं।

दोस्तों --वक्त की नजाकत को समझो

जो वक्त पे मिल जाए सहारा उसे  ही स्वीकार कर लो।

अपने  अनमोल जीवन को  बचा लो।
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* बिनेश कुमार *   १९/१०/२०१३ *   

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