Friday, 18 October 2013

asliyat


* ॐ *

          * असलियत  ए  अंदाजे बयां  *
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दोस्तों -- खिलते व् महकते हुए फूल के पास हर भौरा आना पसंद करता है जैसे।


बिना खुशबू  के मुरझाये हुए फूल के पास कोई भी भौरा नहीं आना चाहता जैसे।


आपकी ख़ुशी ओर कामयाबी में अपने व् पराये भी शामिल होना चाहेंगे।


आपके दर्द ओर ना कामयाबी में कोई शामिल होना नहीं चाहेगा ऐसे।


बचेंगे आपसे सब सूरज की तपती धुंप  से बचते हैं लोग जैसे।


कहीं वे भी आपके दर्द व् ना कामयाबी की आग में झुल्ज  न जाए ऐसे।


दोस्तों दुनिया में अगर आन ओर  शान से जीना है.


काँटों के बीच गुलाब ,कीचड़ में कमल अपने दम ख़म से खिलता है जैसे।


खुद को भी बना लो गुलाब व् कमल के फूल जैसे।
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*   बिनेश कुमार  * १८/१०/२०१३ *   ३ बजे *


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