Friday, 1 March 2013

poetry

    *  शायरी  *
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जब  हम इस दुनिया  में आये थे , तब  भी हाथ  हमारे खाली  थे !

जब छोड़कर  इस दुनिया  को जायेंगे , तब भी  हाथ  हमारे  खाली सब  ही होंगे !!

ना  कुछ  लेकर आये  थे ,  ना साथ लेकर  कुछ  जायेंगे !

बस  जो पल  जिन्दगी  के  ख़ुशी  से जी  लेंगे  हम , वो  ही सब साथ  में जायेंगे !

हवस  की कमाई  हुई  दौलत  भी  साथ अपने नहीं ले जा  पाएंगे !

ना कोई रिश्ता  है ऐसा  जो  हमारे साथ ही  मिट  जायेगा !!

जैसा  करम  करोगे  दुनिया  में ,उससे ही  तुम पहचाने  जाओगे !!

  हमारे सब रिश्ते बने थे  दुनिया में आने के बाद  !

हमारे सब  रिश्ते मिट जायेंगे , छुट  जायेंगे  दुनिया  से चले जाने के  बाद !!

ये रिश्ते  तो एक  जिन्दगी  जीने  का  बस  सहारा था  हमारा  !!

मै अपनी  ख़ुशी  का  कोई  भी  पल  यूँ   गवाना  नहीं  चाहता  हूँ !

यूँ  ही गम  के शाये  मै  रहकर  दुनिया  से रुखसत  होकर  मै जाना  नहीं चाहता  हूँ !!

वो  कविता  है  मेरी , मै  कवि  हूँ  उनका !

बस मौत  मेरी जब भी आये , ख़ुशी  मेरी  सामने  हो !

मै  खुद  हंसकर  मौत को  अपनी  गले  से  लगा  लूँगा !!
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*  धन्यवाद  =  बिनेश कुमार   =  ०१/०३ /२०१३ . * 

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