Thursday, 14 March 2013

poem-Nasha














---*   नशा  *
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दोस्तों  कौन  कहता  है , नशा  शराब  में  ही  होता है  !

दोस्तों  गलत  हैं  वो लोग  जो शराब को बदनाम  करते हैं !

नशा  तो अनेक  रूप  में  साथ हमारे है  !

दोस्तों   नशा  एक मदहोशी  का नाम  है !

जो  अलग -अलग  नाम से पहचाना  जाता  है !

जेसे  - प्यार , नफरत , सुख ,दुःख , लाभ - हानि  आदि  !

नशा  एक अहसास  है हमारा , नशे को सिर्फ  महसूस  किया  जा सकता है !


नशा उस बला का नाम है जो लग जाये तो  बर्बादी की और ले जाता है !

जो समय  रहते इस बला से बच जाये  वो आबाद हो गया ,

जो फंस जाये इस बला  के भंवर में  वि जिन्दगी में  कहीं  का नहीं रहा !!
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*  बिनेश कुमार  *
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