Tuesday, 5 March 2013

akele

    * अकेले *              
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कौन  कहता  है  इस  दुनिया  में  हम  अकेले  है !

हमें  बस  जरुरत  है  उन  आँखों  की  जो  अपनों  को  पहचान  सकें  !

हमारे  सब  अपने हैं  दोस्त , दुश्मन  ,सुख - दुःख , और ख़ुशी -गम  आदि  !

बस ये  सब  अपना  रूप  बदलकर   बारी - बारी  से आते  हैं  !

हम  कहते  हैं  कि  हमारे  दोस्त  और अपने  हमसे दूर  चले गए !

ये  दूरी  तो  बीच  हमारे  महज  एक दिखावा  होता हैं  !

जब  हम  अकेले तनहा  होते  है  , वे  हमारे  पास  यादों   में  होते हैं  !!

रात  के अँधेरे  में - आँखें  हमारी  उनकी  तस्वीर  देखतीं  हैं  !

और  हमारा  दिल  वो  किताब  पढता  है ,

जो  हमने   साथ  में  रहकर  लिखी  थी !!
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* धन्यवाद  *  बिनेश कुमार  *   ०६/०३/२०१३ .

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