जीवन के यादगार पल *
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जिन्दगी के मेरे दोस्तों ने इस तरह से यादगार पल बना दिए ,जिनकी कोई सीमा नहीं
ना ही उनका कोई मोल है वे पल जीवन भर के लिए मेरे अमर व् अनमोल है !
१ - जनवरी १९ ९३, में हिंदुस्तान टाइम्स में मेने मात्र एक साल सर्विसे की जहाँ से मेरे
मन में लिखने की प्रेरणा पैदा हुई ! ये मेरे अच्छे दोस्तों की दें न थी !
२ - दिसंबर , १ ९ ९ ४ , में मुझे मेरे सिधान्तों के मुताबिक जीवन साथी का साथ मिला
३ - जनवरी २१,१९९५,को मुझे आई .आई .ल म, का साथ और सहारा मिला जो मेरी
जिन्दगी में सबसे खास है , जिसने बहुत कुछ दिया , अच्छे दोस्त और ज्ञान जो
बिना फीस दिए मिला , इसमें मेरी लगन और महनत का अहम् यौग्दान रहा !
४ - २०११ - में मुझे मेरे सबसे अच्छे दोस्त से कंप्यूटर से जुड़ने का एक एसा तोफा
मिला जिसे ईमेल ई डी का नाम दिया जाता है ,जिसके कारण मेरे काफी दोस्त करीब
आ गए,और में कंप्यूटर के पास आ गया !
५- जून २०१२,से दिसंबर का सफ़र उससे भी ज्यादा खास बन गया !
किसी ने फेस बुक पर आने का तोफा दिया, तो किसी ने फेस बुक पर लिखने की मेरी
प्रेरणा को मन में जगा कर बढ़ावा दिया !
जिसके कारण मेरे दोस्ती के सागर का आकर बढ़ता चला गया ,और पुराने व् नए
दोस्त मेरे सब करीब आ गए ! जिनसे सागर से घहरा प्यार और विशवास मिला !!
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