= कविता - सहारा =
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तुम्ही हो बंधू , सखा तुम्ही हो , दाता तुम्ही हो मेरे !
मै तो एक फूल हूँ , तुम सब माली हो मेरे !!
तुम्हारे प्यार के पालन - पोशर्ण से फेस बुक पर मै जन्म ले पाया हूँ !!
जब तक तुम हो साथ मेरे मै खिलता और महकता रहूँगा !
अपने लिखे शब्दों की खुशबू के दम पर !
ऐ माली मेरे साथी एक विनती मै तुम सब से करता हूँ !!
जब तक जीवन है मेरा तुम दूर कभी न होना मुझसे !!
मुझे जरुरत है फेसबुक की बगिया मै खिलने और महकने के लिए ,
आपके प्यार के पानी और हिम्मत के सहारे की मुझे !!
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= धन्यवाद = बिनेश कुमार = २८/०२/२०१३ .
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तुम्ही हो बंधू , सखा तुम्ही हो , दाता तुम्ही हो मेरे !
मै तो एक फूल हूँ , तुम सब माली हो मेरे !!
तुम्हारे प्यार के पालन - पोशर्ण से फेस बुक पर मै जन्म ले पाया हूँ !!
जब तक तुम हो साथ मेरे मै खिलता और महकता रहूँगा !
अपने लिखे शब्दों की खुशबू के दम पर !
ऐ माली मेरे साथी एक विनती मै तुम सब से करता हूँ !!
जब तक जीवन है मेरा तुम दूर कभी न होना मुझसे !!
मुझे जरुरत है फेसबुक की बगिया मै खिलने और महकने के लिए ,
आपके प्यार के पानी और हिम्मत के सहारे की मुझे !!
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= धन्यवाद = बिनेश कुमार = २८/०२/२०१३ .
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