Wednesday, 27 February 2013

poetry

     =  शायरी  नग्मे  =

 हमारे  दोस्त परेशान  है , अपनी  परेशानी के कारण !

हम  परेशान है , उनकी  परेशानी  के कारण  !!

हम  इस कदर  मजबूर  है ,चाहकर  भी उनकी कोई  मदद कर कर नहीं सकते !

वे  मजबूर  है  ऐसे  चाहकर  भी हमसे  मदद ले  नहीं सकते !!

ये  कैसा  रिश्ता है  दोस्ती  का जो  हम तोड़  नहीं  सकते !

वे  इस रिश्ते  को निभा  नहीं सकते !!

कुदरत भी हमारी  जिन्दगी के साथ कैसा खेल  खेलती है !

हम करीब  है बहुत फिर  भी बिच अपने दूरी महसूस  करते है !!

न पूछो  हाल हमारा तुम क्यूँ  हुआ ये बेहाल है !

कोई कारण होता जो हम  आपको बता पाते !

कारण तो हमारे अपने ही है जो  हाल हमारा  हुआ बेहाल है  !!

कोई दुश्मन  अगर होता हमारा तो उसे चोट देकर उसे  हम खुद को बचा लेते !

अपनों को चोट देकर खुद को केसे बचायें !

उनका भी दर्द  तो हमें  ही होगा  !!
           ===========

=  बिनेश  कुमार  =  २७/०२/ २०१३

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