= कविता - फोन =
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वो दोस्त भी ,दुश्मन भी अच्छा हमारा है !
वो छोटा सा है जो लगता बड़ा प्यारा है !
वो शाये की तरह हमारे साथ हर वक्त रहता है !
२४ घंटे हमें हर पल की खबर देता है !
जब सुरीली आवाज़ में बोलता है , बड़ा अच्छा लगता है !
कभी लिखकर तो कभी आवाज़ में वो हमें सचेत करता है
कि वो कोई संदेश हमारा लेकर आया है !
वो न खुद चें न से रहता है ,न हमें रहने देता है !
कोसों दूर रहने वालों को पल भर में मिला देता है !
जब कोई न हो मिलने कि सूरत , बिछड़ों को पल में मिला देता है !
जब से ये दुनिया में आया है ,झूठ तेजी से पनपने और सच डूबने लगा है !
ये कभी अपने फ़र्ज़ से मुंह नहीं मोड़ता है !
वो गम भी ख़ुशी भी हमारी बांटता है !
वो छोटा सा है जो लगता बड़ा प्यारा है !
नाम उसका मोबाईल बड़ा प्यारा है !!
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धन्यवाद = बिनेश कुमार = १७/०२ २०१३ =
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