Sunday, 24 February 2013

mobile foon


    = कविता  - फोन  =
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वो  दोस्त भी ,दुश्मन भी अच्छा हमारा है !

वो छोटा सा है जो लगता बड़ा प्यारा है  !

वो शाये  की तरह हमारे साथ हर वक्त रहता है  !

२४ घंटे हमें  हर पल की खबर देता है !

जब सुरीली  आवाज़ में बोलता है , बड़ा अच्छा लगता है  !

कभी लिखकर  तो कभी  आवाज़ में वो हमें सचेत करता है

कि वो कोई संदेश  हमारा लेकर  आया है  !
वो न खुद चें न  से रहता है ,न हमें रहने देता है  !

कोसों दूर रहने वालों  को पल भर में मिला देता है !

जब कोई न हो मिलने कि सूरत , बिछड़ों  को पल में मिला देता है !

जब से ये दुनिया में आया है ,झूठ  तेजी से पनपने और सच डूबने  लगा है !

ये कभी अपने फ़र्ज़ से मुंह नहीं मोड़ता  है !

वो गम भी ख़ुशी  भी  हमारी बांटता  है !

वो छोटा सा है जो लगता बड़ा प्यारा है !

नाम उसका मोबाईल बड़ा प्यारा  है !!
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धन्यवाद =  बिनेश कुमार  =  १७/०२ २०१३  =

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