Thursday, 28 February 2013

holi

* Holly *
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I see Brother Holly, Holly back!

Color - colorful bunch of Mstano back!

Dancing - singing, drum, cymbal, drums, fiddle!

Sing songs of Holi, people amused!

Color - Gulaal and happiness to us to bring together!

Love - is a symbol of unity Holly!

Increase love in the hearts of the little ones, holy elders banish hatred from the hearts!

- Like Holly has a street for the dishes!

Shortbread - especially famous for dumplings and Gunjia Holly!
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  = Thanks = Binesh Kumar = 1/03/2013.

holi

  *  होली  *
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देखो  भाई  होली  आई , होली  आई  !

रंग - बिरंगे  मस्तानो  की टोली  आई  !

नाचते - गाते ,ढोल  , मंजीरा ,तान , बजाते !

होली के गीत  गाते , लोगों  का मन  बहलाते !

रंग - गुलाल  और खुशियाँ  साथ  में हमसब की  लेकर आई !

प्यार - एकता का प्रतीक  है  होली  भाई !

छोटों  के दिलों में  प्यार बढाती , बड़ों के  दिलों से नफरत  को मिटाती होली  भाई

तरह - तरह के पकवानों  के लिए मशहुर है होली  भाई !

कचौड़ी  - पकौड़ी  और गुंजिया  के लिए खास  मशहूर  है होली  भाई  !
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 =  धन्यवाद  = बिनेश कुमार  =    १/०३/२०१३ .

sahara

 =   कविता   -  सहारा  =
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तुम्ही  हो  बंधू , सखा तुम्ही  हो , दाता  तुम्ही हो मेरे !

मै  तो एक फूल  हूँ , तुम सब माली हो मेरे !!

तुम्हारे  प्यार के पालन - पोशर्ण  से फेस बुक पर  मै जन्म ले पाया हूँ  !!

जब तक तुम हो  साथ  मेरे  मै खिलता और महकता  रहूँगा !

अपने लिखे शब्दों   की  खुशबू  के  दम पर !

ऐ  माली मेरे  साथी  एक विनती  मै तुम सब से करता हूँ  !!

जब  तक जीवन  है  मेरा  तुम दूर कभी  न होना  मुझसे !!

मुझे जरुरत है फेसबुक  की बगिया  मै खिलने और  महकने के लिए ,

आपके प्यार  के पानी  और हिम्मत  के सहारे  की  मुझे !!
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=  धन्यवाद  =  बिनेश कुमार  =  २८/०२/२०१३ .

sahara

Poesía - prop =
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Vosotros sois los hermanos, sólo amigo, el donante sólo yo!

Soy una flor, eres mi jardinero!

Sigue a tu amor - Estoy nació el libro de la cara de Posharn've tengo!

¿Estás conmigo voy a florecer y oler!

La fragancia de las palabras por su cuenta!

Un jardinero pidió mi pareja yo estoy con vosotros todos!

Nunca en mi vida hasta que te alejas de mí!

Flor de Facebook patio trasero y soy tengo que Mahkne,

Apoyo del agua y me encantan tus entrañas!
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= Gracias = Binesh Kumar = 02/28/2013.

Wednesday, 27 February 2013

poetry

     =  शायरी  नग्मे  =

 हमारे  दोस्त परेशान  है , अपनी  परेशानी के कारण !

हम  परेशान है , उनकी  परेशानी  के कारण  !!

हम  इस कदर  मजबूर  है ,चाहकर  भी उनकी कोई  मदद कर कर नहीं सकते !

वे  मजबूर  है  ऐसे  चाहकर  भी हमसे  मदद ले  नहीं सकते !!

ये  कैसा  रिश्ता है  दोस्ती  का जो  हम तोड़  नहीं  सकते !

वे  इस रिश्ते  को निभा  नहीं सकते !!

कुदरत भी हमारी  जिन्दगी के साथ कैसा खेल  खेलती है !

हम करीब  है बहुत फिर  भी बिच अपने दूरी महसूस  करते है !!

न पूछो  हाल हमारा तुम क्यूँ  हुआ ये बेहाल है !

कोई कारण होता जो हम  आपको बता पाते !

कारण तो हमारे अपने ही है जो  हाल हमारा  हुआ बेहाल है  !!

कोई दुश्मन  अगर होता हमारा तो उसे चोट देकर उसे  हम खुद को बचा लेते !

अपनों को चोट देकर खुद को केसे बचायें !

उनका भी दर्द  तो हमें  ही होगा  !!
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=  बिनेश  कुमार  =  २७/०२/ २०१३

poetry

Poetry Ngme =

  Our friend is upset because of your trouble!

We are troubled, because of their trouble!

We are so compelling, you can not help wishing him too!

They can not be forced to take a wishing well help us!!

What is the bond of friendship that we can not break it!

They can not keep this relationship!

Nature also plays games like with our lives!

The distance between us still feel very close!

Recently we did not ask you why this is hysterical!

Which we find a reason to tell you!

Recently we had our own reasons, which is hysterical!

If an enemy is ours if we manage to keep her with him hurt!

Save yourself How are hurt by loved ones!

The pain then we will have!
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= Binesh Kumar = 27/02/2013

Monday, 25 February 2013

jeevan




Poetry - Life
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I have a lovely little life!

Happiness - sorrow, and joy - all this gum is my partner!

I have a moment - do not leave it all alone!

Alternately every one plays my duty!

Different form - all these colors alternately come!

Never would have sorrow of being separated from loved ones!

Is pleased to join the ever new relationships!

Our own success will ever get!

It never hurts to success!

My life is full of happiness, every relation of life is connected with me!
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jeevan

             कविता - जीवन
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छोटा  सा जीवन मेरा बड़ा  प्यारा है !

सुख - दुःख ,और  ख़ुशी  - गम  ये सब मेरे साथी है !

कोई भी मुझे  पल-भर अकेले छोड़ता नहीं है  !

बारी - बारी  से हर एक अपना फ़र्ज़ निभाता है !

भिन्न - भिन्न रूप - रंग  में ये सब बारी - बारी से आते है  !

कभी अपनों  से बिछड़ने का  गम होता  है !

तो कभी  नए रिश्तों  से जुड़ने  की ख़ुशी होती है  !

कभी अपनों की कामयाबी  का सुख  मिलता है !

तो कभी  ना कामयाबी का दुःख होता है !

जीवन मेरा खुशियों  से भरा  है ,जीवन  का हर एक रिश्ता मुझसे जुडा  है !!
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 = धन्यवाद  = बिनेश कुमार  =  २५/ ०२/२०१३.

Sunday, 24 February 2013

mobile foon


    = कविता  - फोन  =
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वो  दोस्त भी ,दुश्मन भी अच्छा हमारा है !

वो छोटा सा है जो लगता बड़ा प्यारा है  !

वो शाये  की तरह हमारे साथ हर वक्त रहता है  !

२४ घंटे हमें  हर पल की खबर देता है !

जब सुरीली  आवाज़ में बोलता है , बड़ा अच्छा लगता है  !

कभी लिखकर  तो कभी  आवाज़ में वो हमें सचेत करता है

कि वो कोई संदेश  हमारा लेकर  आया है  !
वो न खुद चें न  से रहता है ,न हमें रहने देता है  !

कोसों दूर रहने वालों  को पल भर में मिला देता है !

जब कोई न हो मिलने कि सूरत , बिछड़ों  को पल में मिला देता है !

जब से ये दुनिया में आया है ,झूठ  तेजी से पनपने और सच डूबने  लगा है !

ये कभी अपने फ़र्ज़ से मुंह नहीं मोड़ता  है !

वो गम भी ख़ुशी  भी  हमारी बांटता  है !

वो छोटा सा है जो लगता बड़ा प्यारा है !

नाम उसका मोबाईल बड़ा प्यारा  है !!
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धन्यवाद =  बिनेश कुमार  =  १७/०२ २०१३  =

Saturday, 23 February 2013

Wakt


कविता -- वक्त
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वक्त आकर गुजर जाता है , हवा के झोंके की तरह !
वक्त किसी से रुका नहीं रोकने से कभी ,
वक्त को जिसने पहचान लिया , उसे कामयाबी की तरफ बढ़ने से कोई रोक पाया नहीं !!
वक्त की कोई पहचान नहीं ,जो पहचान लिया जाये !
वक्त कभी अच्छा या बुरा नहीं होता , ये नाम तो हम इंसानों ने दिया है !!
वक्त हमारी मुट्ठी में रेतीली मिटटी की तरह होता है , जो पल भर में निकल जाता है !
जो कभी हमारी मुट्ठी में जादा देर तक रुक सका नहीं !
ये वक्त भी एस ही होता ,जो एक बार आकर निकल जाये ,दुवारा लोटकर वापस कभी आता नहीं !!
वक्त को जिसने अनदेखा कर दिया , वो कभी अपनी मंजिल के करीब पहुंचा ही नहीं !
लालच की भूख रखने वाले की इच्छा कभी पूरी होती नहीं !
वक्त हमेशा समुंदर में पानी की लहरों की तरह बदलता रहता है !
ये सोने और जागने के नियम तो कुदरत ने बनाये है !
जब वक्त सोने और जागने का होता है , उपयोग करना चाहिए !!
जिसने भी कोशिश की है कुदरत के नियम बदलने की !
उसने हमेशा अपना ही कुछ गवाया है !!

= धन्यवाद = बिनेश कुमार = २३/०२/२०१३ .

Monday, 18 February 2013

---- Dosti ----


ए दोस्ती तेरा नाम हैए दोस्ती तेरा नाम है बड़ा प्यारा
दुःख -दर्द और मुसीबत में बस तू ही एक सहारा
अपनोंकी कमी और दूरी को पूरा करने का तू ही हे एक सहारा
वक्त हे अभी ए जालिम दोस्तों सुधरने और संभलने का .
दोस्ती को यूँ बदनाम न करो दोस्त को दर्द देकर .
दोस्त बनकर खास -दुश्मनों के जेसा कम मत करो /
दोस्ती का वसूल हे ,मुसीबत में साथ निभाना ,सहारा देना .
दर्द -देकर दोस्त को बेसहारा न करो .
एक दिन वो भी आएगा ,दोस्ती को यूँ बदनाम करने वाले .
एक दिन इसी दोस्ती के बगेर तुम खुद बेसहारा हो जाओगे ,
और अपने आपको हजारों की भीड़ में अकेले खड़े पाओगे .



= धन्यवाद = बिनेश कुमार =०३/११/२०१२.

Dosti ke Naam PagaamI KE NAAM EK PAGAM


 VO JANE WALE YU UDAS HOKAR JANA NAHI . HAMARI JINDGI TO EK SAFAR HAI MANJIL KA. AAJ HAM AAPKE SAATH HAI. KAL AAPKE SAATH KOI AUR HOGA JATE SAMAY ALBIDA MAT KAHNA KISI KO. BAS BICH HAMARE DOORI HI BADHI HAI. SAALON KI YADON ME HAM HAMESHA HAR WAKT SAATH RAHENGE....  WISH U ALL THE BEST... BHAGVAAN SE AAPKI KHUSHI KE LIYE DIL SE. DUA KARTE HAI AAPKO AAPKI MILNE WALI HAR KHUSHI DE..

= PRERNA =



SAMAY SE PAHLE ,KISMAT SE ALAG KABHI NAHI MILTA.
YE AGAR SAMBHAV HOTA ,TO ASA NAHI HOTA.
KAMAL KA PHOOL KICHAD MEN,AUR GULAB KANTON MEN NAHI KHILTA.
JO KUDRAT NE LIKHA THA KISMAT MEN UNKI UNHONE SWEEKAR KIYA.
UNHONNE LOGON KO APNI KHUSHBU AUR KHUBSURAT AAKRTI KE DAM PAR,
LOGON KO APNI AUR MANMOHIT V AAKRSHIT KAR LIYA.
DIYA V BATTI KO DEKHO JO KHUD JALKAR SANSAR MEN UJALA KARTE HAI.
KHUD APNE AAS-PASS ANDHERA RAKHTE HAI.
US GHADI KO DEKHO JO TIK-TIK KARKE 24, GHANTE CHALTI RAHTI HAI.
HAMEN HAR PAL SECAND SE LEKAR GHANTON TAK KI KHABAR DETI HAI.
US MAAN KO DEKHO JO APNE BACHCHE KE LIYE NAO MAHINE,
APNI KOKH MEN RAKHKAR ,APNE KAL KI PARVAAH N KARTE HUA.
HAR PAL DUKH-DARD SAHAN KARTI HAI HANS KAR APNE BACHCHE KE LIYE.
IN SAB SE HAMEN BHI KUCH PRERNA LENI CHAHIYE.
AUR APNI EK PAHCHAN BANANI CHAHIYE.........

= DHANYAVAAD = BINESH KUMAR = 10/02/2013


Friday, 15 February 2013

kavita - saal ( vars )

= कविता - साल (वरस ) =
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साल के ये १२ महीने ,ये सब है अजब निराले .
ज्ञान ,एकता ,लगन ,और समय के है ये प्रतिक !
इन्हें देख कर हर कोई सीखे ना कुछ इसकी फीस !
१- जनवरी , २- फरवरी , ३- मार्च , ४- अप्रैल ,५- मई , ६- जून , ७- जुलाई , ८-अगस्त ,९- सितम्बर ,
१०- अक्टूबर , ११- नवम्बर , १२- दिसंबर ,!
मौसम के ४- ग्रुप में बंधे है ये सब महीने !
ग्रुप १- सर्दी , २- गर्मी , ३- वर्षा , ४- और बसंत !
ग्रुप में रहकर काम ये करते ,अपना -अपना फ़र्ज़ निभाते ,
कोई महिना ३० दिन का होता तो कोई ३१ ,दिन का ,कोई २८ / २९ दिन का होता !
माला देखो ये प्यार और एकता की अनोखी बनी है ! साल की माला १२ , महीनो में बनी !
महीनो की माला हफ़्तों और दिनों में बनी है !
रविवार ,सोमवार ,मंगलवार ,बुधवार ,वीरवार , शुक्रवार , और शनिवार ,ये ८ दिनों के नाम है !
ना कोई इनमें भेद-भाव ना अहंकार है किसी में !
दिनों को २४ घंटों की माला में बांधा !
ना कोई छोटा , ना कोई बड़ा ,अपने आप में सब महान है !
करम है इन सबका साथी ,करम ही इनकी है पहचान !!

= = धन्यवाद = = बिनेश कुमार == १५/०२/२०१३ ,

Wednesday, 13 February 2013

sahare bina kinara nahi

= ME BINESH KUMAR .
AAPSAB KA BLOG PAR AANE KE LIYE ME DHANYVAAD KARTA HU.

JAB SANSAR ME CHOTE HI NAHI HONGE TO BADE KAHAN SE BANEGE.

CHOTE HI KHILADI CHAMAK KAR AAGE CHALKAR BADE KHILADI BANTE HAI.

YE 5 PANKTI HAI JO KUCH DASTAN BAYAN KAR RAHI HAI.

1- PHOOLON BINA GULSITA KI SHOBHA NAHI..
2- SAMUNDER ME PANI BINA KINARE KI SHOBHA NAHI..
3- TARON BINA AASMAN ME CHANDERMA KI SHOBHA NAHI..
4- DOSTON KI DOSTI KE BINA FACE BOOK KI SHOBHA NAHI..
5- AAPKE PYAR KE BINA FACE BOOK PAR ME KUCH BHI NAHI...!