*भारत के अनमोल रत्न डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम *
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सम्पूर्ण राष्टजन का सत -सत प्रणाम !
तुम्हें सूरज कहें या चंदा या आँखों का तारा !
तुमने देश का नाम रोशन किया जग के प्यारे !
कलाम तुम्हारे जितने हुन्नर उतने नाम जग में बने महान !
तुम सादगी के सागर हम लहरें हैं तुम्हारी !
तुम ज्ञान के दीपक हो हम किरण तुम्हारी !
तुम प्रेरणा के श्रोत हम कड़ी तुम्हारी !
तुम पथदर्शक हो हम राही तुम्हारे !
तुम दुनिया से तो रुखसत होकर चले गए!
हमारे दिल से दूर न जा पाओगे !
यादों के झरोके में हर वर्ष पास हमारे आओगे !
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*बिनेश कुमार *३१ जुलाई २०१५ *
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