Friday, 2 October 2015

khushi ke rang

ख़ुशी के रंग मुलाक़ात के संग
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जल बिन मछली न जिए !
दीप बिन जग न रोशन होय !
पत्ती बिन पेड़ से हरियाली न होय !
एक दूजे बिन मिलन मोहब्बत न होय !
चंदा बिन रात चांदनी न होय !
धरती से अन्न मिले तो हर जीव जीवित होय !
एक दूजे का साथ दें तो हर मुश्किल आसान हो जाय !
प्यार के दीवाने दो प्रेमी होते हैं !
प्यार के दुश्मन हज़ार होते हैं !
ख़ुशी के  रंग हर  मुलाक़ात के संग खिलते हैं !
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बिनेश कुमार : २०/९/२०१५

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