Tuesday, 31 March 2015

“ फिर लौट आई वही रौनक






“ फिर लौट आई वही रौनक “
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चार दिनों के बाद सुनसान जगहों पर फिर लौटी रौनक।
हालात और व्ही करिश्मा कुदरत का देखो।
कहीं धूंप और कहीं छाया ,कभी ख़ुशी कभी गम ,
कहीं हुई रौनक तो कहीं सन्नाटा छाया।
घर परिवार में दिवाली पर ख़ुशी और एकता की रौनक छाई।
तो वहीँ दूसरी और स्कूल ,कालेज ,दफ्तरों में सन्नाटा छाया।
आज चार दिनों बाद ,स्कूल ,कालेज और दफ्तरों में रौनक लौटी।
अजनबियों से अपनेपन का अहसास प्यार फिर देखने को मिला।
वाही हफ्ते के ५-६ दिनो की चहल पहल देखने को मिली।
इसी को कहते हैं करिश्मा कुदरत का। …---
कहीं धूप ,कहीं छाया ,तो कहीं रौनक ,तो कहीं सन्नाटा छाया।
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“ बिनेश कुमार “ २७/१०/२०१४ “

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