* शायरी अंदाज *
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दोस्तों --मैं तो वो तारा हूँ जो कभी चमकता नहीं है।
मुझे कोई दिल से और प्यार से याद करे तो उससे दूर नहीं हूँ।
मैं मिलने से मजबूर हो सकता हूँ, मैं उन्हें दिल प्यार ना करूँ इतना मजबूर नहीं हूँ।
जो मुझे चाहते हैं मैं उन्हें चाहता हूँ।
वे मुझे मतलब से चाहते हैं मैं उन्हं दिल से बिना मतलब के चाहता हूँ।
जो हकीकत मुझे दर्पण न दिखा सका।
वो हकीकत मुझे मेरी परछाई ने इस तरह दिखा दिया।
मेरे लिखे शब्दों को जो लिखकर सो नहीं कर पाते कि पसंद उन्हें आते हैं।
वे मुझसे मिलने पर खुद ये बताते हैं कि शब्द मेरे लिखे उन्हें बहुत पसंद आते हैं।
दोस्तों -प्यार मोहब्बत दिलों में वो अहसास है।
जो अपने और अपने जैसों के दर्द -गम ,ख़ुशी और कामयाबी बताने -दिखाने कि जरुरत नहीं पड़ती।
उन्हें उनके दर्द ,ख़ुशी बिन बताये ,बिन जताए बीना देखे ही।
उनकी आहट से चेहरा देखकर दूर से ही परख लेते हैं।
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* बिनेश कुमार * ४/११/२०१३ *
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