* ॐ * * देखो भाई सर्दी आई *
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देखो भाई सर्दी आई ,सर्दी आई।
ये ४ महीने अक्टू ,नवंबर ,दिस ,जन , सर्दी के होते भाई..
सर्दी में सूरज कि धीमी रौशनी सबके मन को भाती भाई।
हर कोई सूरज कि धीमी रौशनी का इन्तजार करता है भाई।!
देखो भाई सर्दी आई , सर्दी आई !!
*अग्नि भी सर्दी को देखकर शरमा जाती है भाई।
सर्दी खाने -पिने और कपडे पहनने का मौका लेकर आती भाई।
गरमा -गर्म -समोसे,पकौड़े ,पराठे , चाय के साथ सबको भाते भाई।
इंसानों को ख़ुशी , और पशु -पक्षियों को गम (दर्द ) सर्दी लेकर आती है भाई। !
डाँक्टरों के तो सोने पे सुहागा कर देती है सर्दी भाई।
किसी को खांशी तो किसी को जुकाम सर्दी में रहता है भाई।!
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** बिनेश कुमार * ११/११/२०१३ * *
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