*मौसम की तरह बदलता इंसान *
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जब बच्चपन था तुम्हारा हर रिश्ता प्यारा लगता था !
जब तुम बड़े होने लगे तो तो काम में व्यस्त रहने लगे !
तब तुम्हारे पास रिश्ते निभाने का वक्त नहीं था !
जब अपने बूढ़े और लाचार होने लगे !
तब वे तुम्हें बोझ लगने लगे !
इस तरह अपने ही अपनों से नजरें चुराने लगे !
: बिनेश कुमार : १२/०६ /२०१५ :
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