* शायरी अंदाज --वक्त से पहले किस्मत से ज्यादा कभी नहीं मिलता *
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किस्मत में लिखा बेवक्त ही दिखता है यारो।
जो अचानक होता उसी को हम अनहोनी कहते हैं यारो।
उन्हें तो लोग शराबी समझते हैं यारो।
ये कोई नहीं जानता वे तो किस्मत के मारे हैं।
लोग कहते हैं शराब पीना खराब है यारो।
तन्हाई में अकेले को एक शराब ही तो सहारा देती है यारो।
उनके प्यार को लोग मतलबी और गलत समझते हैं यारो।
वे तो प्यार के बदले प्यार देकर अपना फ़र्ज़ निभाते हैं यारो।
पल -पल में रंग बदलते हैं ख़ुशी और गम के यारो।
सागर की लहरों की तरह ये आते -जाते हैं यारो।
ए मालिक मेरे हम बन्दे हैं तेरे तू हमें इतने ख़ुशी -गम ना दे।
जो हम तुझे भूल कर उन्हें याद करने लगें हम।
हम प्यार पाने के लिए इन्तजार करते हैं ऐसे।
सूरज की पहली किरण का फूल खिलने के लिए इन्तजार करते हैं जैसे।
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* बिनेश कुमार * ४मर्च २०१४ *
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