Sunday, 2 June 2013

kavita gam -dard

* एसे  गम -दर्द भी बदलते हैं  ख़ुशी में  *
-------------------------------------------------------

गुम  नाम है वो गुम होकर रह गए हैं !
जिन्होंने  कुछ अच्छा  बनने की सोच रखी  थी वो ऐसे  गुम हो गए !!
जिन्होंने हमेशा दूसरों को ख़ुशी देने की सोच रखी थी!
उन्होंने तो न जाने क्यूँ उन्हें ही दर्द  व् गम  देने की सोच रखी थी !!
उन्हें  ये भी पता  नहीं कि वक्त उनका ऐसा  साथ देगा !
उनके दिये  दर्द व् गम  को उनकी ख़ुशी में बदल देगा !!
एक दिन दर्द व् गम के सहारे उनकी एक पहचान बन जायेगी !
एक दिन उनके दिये दर्द - गम के शब्दों को जोड़कर उनकी कवितायें बन जायेगी !!
हम अहसान मानते  हैं उनका जिन्होंने ऐसा  काम किया है !
एक गुम नाम को एक कवि  बनाने में अपना योगदान  दिया है !!
ऐसे  भी कुछ लोग होते है जो ख़ुशी देकर के अपना फ़र्ज़ निभाते हैं !
और कुछ ऐसे  लोग होते हैं जो दर्द - गम देकर के उनकी पहचान बना देते हैं !
अब उनकी सहन -शक्ति और सयंम ही उनकी ताकत है !
जो उनको संभलने  में उनकी मदद करते है !!
   ----------------------

* बिनेश कुमार  * ० २ -० ५ -१ ३ .*
 

No comments:

Post a Comment