Thursday, 23 May 2013

yaden

* यादें हमारी  यादें  *
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हमारी  यादों  की भी एक बारात  होती है !
जो अपनों  और दोस्तों  के रिश्तों  की बनी  होती है !!
यादें मिटती  नहीं कभी चाहने  से हमारे !
वे बार -बार आती है ,नये  नाम और रूप में पास  हमारे !!

बस किरदार  बदल  जाते  है रिश्तों  के हमारे !

नाम और पहचान  नये  होते है जब वे आते है पास हमारे !!
हम पर कभी -कभी तो वक्त ऐसा  महारवान होता है !
दिन ,तारीक ,महिना और कहानी  दुवारा  वही  होती है !!
ख़ुशी के हों पल  या गम की हो घडी ,!
अचम्भा  जब होता है समय और कहानी वही  होती है !!
बदलता है सिर्फ वक्त जब अरसों के बाद आता है !
इस तरह से वो हमारी यादों को ताजा  करता है !!
जीवन में  बिछड़ने  के बाद दुवारा मिलना -झुलना ,और बातें  कभी ना होंगी !
बस यादों के सहारे हम सब एक -दुसरे  के हमेशा करीब  रहते  है !!
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* धन्यवाद  *  बिनेश कुमार * २३ -५ -१ ३ . 
 


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