Monday, 24 June 2013

kavita - bachpan

     * बचपन  *
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बचपन  सबका अदभुत  निराला और प्यारा  होता है !
बचपन फूल -पौधों  के जैसा  कोमल  और सुंदर  होता है !!
उनके राज कुमार - राजकुमारी  के जैसे  ठाट - वाट होते  हैं !
वो अपनी मनचाही  हट  अपनों से पूरी करा लेते हैं !!
मनचला  बचपन अपनी नटखट अदाओं से अपनों व्  गैरों  को भी मनमोहित कर लेते हैं !
उन्हें  अलग - अलग नामों पुकारा  जाता है ,कोई राधा - किशन ,तो कोई सीता - राम कहता  है !
बचपन का कोई एक अपना रिश्ता नहीं ,उसके लिए हर रिश्ता समान  होता है !
बचपन अपनों और परायों  को एक ही नजर से देखता है !!
जो प्यार करे  उसको वह हंसकर उसकी तरफ दौड़ता   है !!
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*  बिनेश कुमार  * १ ६ /० ६ /२ ० १ ३ .*

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