* बचपन *
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बचपन सबका अदभुत निराला और प्यारा होता है !
बचपन फूल -पौधों के जैसा कोमल और सुंदर होता है !!
उनके राज कुमार - राजकुमारी के जैसे ठाट - वाट होते हैं !
वो अपनी मनचाही हट अपनों से पूरी करा लेते हैं !!
मनचला बचपन अपनी नटखट अदाओं से अपनों व् गैरों को भी मनमोहित कर लेते हैं !
उन्हें अलग - अलग नामों पुकारा जाता है ,कोई राधा - किशन ,तो कोई सीता - राम कहता है !
बचपन का कोई एक अपना रिश्ता नहीं ,उसके लिए हर रिश्ता समान होता है !
बचपन अपनों और परायों को एक ही नजर से देखता है !!
जो प्यार करे उसको वह हंसकर उसकी तरफ दौड़ता है !!
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* बिनेश कुमार * १ ६ /० ६ /२ ० १ ३ .*
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बचपन सबका अदभुत निराला और प्यारा होता है !
बचपन फूल -पौधों के जैसा कोमल और सुंदर होता है !!
उनके राज कुमार - राजकुमारी के जैसे ठाट - वाट होते हैं !
वो अपनी मनचाही हट अपनों से पूरी करा लेते हैं !!
मनचला बचपन अपनी नटखट अदाओं से अपनों व् गैरों को भी मनमोहित कर लेते हैं !
उन्हें अलग - अलग नामों पुकारा जाता है ,कोई राधा - किशन ,तो कोई सीता - राम कहता है !
बचपन का कोई एक अपना रिश्ता नहीं ,उसके लिए हर रिश्ता समान होता है !
बचपन अपनों और परायों को एक ही नजर से देखता है !!
जो प्यार करे उसको वह हंसकर उसकी तरफ दौड़ता है !!
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* बिनेश कुमार * १ ६ /० ६ /२ ० १ ३ .*
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