* इंतजार *
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गुरुओं ने अपने शिष्यों को हमेशा ७० % वही पढाया होता है , जो किताबों में ही लिखा होता है !!
हमने तो अपने शब्दों में १००% वही लिखा होता है , जो आज हकीकत में हुआ होता है !!
लेखक अपने शब्दों में व्ही लिखते हैं , जो उनके पास हकीकत में लिखने को होता है !
लोग हमेशा अप बीती ही दूसरों को सुनाते हैं , हम तो लोगों पे बीती अपने शब्दों में लिखते है !!
दान वही करते है , जिनके पास दान करने को होता है !
कौन चाहता है ,हमेशा गम के साये में रहना , हर कोई तो ख़ुशी चाहता है !!
वक्त को बदलना किसी के बस में नहीं होता ,वही होता है जो किस्मत में लिखा होता है !!
उस जालिम जमाने से पूछो जिसने उन्हें गम तोफे में दिए है !
जिसने उनको को हमेशा ख़ुशी और मदद तोफे में दी हैं !!
पसंद तो किसी भी लेखक को नहीं हमेशा गम और दर्द पर लिखना !
बस उन्हें भी इंतजार है ख़ुशी को अपने शब्दों में लिखना !!
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बिनेश कुमार * १३ जुलाई ,२ ०१ ३ .
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गुरुओं ने अपने शिष्यों को हमेशा ७० % वही पढाया होता है , जो किताबों में ही लिखा होता है !!
हमने तो अपने शब्दों में १००% वही लिखा होता है , जो आज हकीकत में हुआ होता है !!
लेखक अपने शब्दों में व्ही लिखते हैं , जो उनके पास हकीकत में लिखने को होता है !
लोग हमेशा अप बीती ही दूसरों को सुनाते हैं , हम तो लोगों पे बीती अपने शब्दों में लिखते है !!
दान वही करते है , जिनके पास दान करने को होता है !
कौन चाहता है ,हमेशा गम के साये में रहना , हर कोई तो ख़ुशी चाहता है !!
वक्त को बदलना किसी के बस में नहीं होता ,वही होता है जो किस्मत में लिखा होता है !!
उस जालिम जमाने से पूछो जिसने उन्हें गम तोफे में दिए है !
जिसने उनको को हमेशा ख़ुशी और मदद तोफे में दी हैं !!
पसंद तो किसी भी लेखक को नहीं हमेशा गम और दर्द पर लिखना !
बस उन्हें भी इंतजार है ख़ुशी को अपने शब्दों में लिखना !!
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बिनेश कुमार * १३ जुलाई ,२ ०१ ३ .
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