Saturday, 16 August 2014

* ये पैगाम दोस्ती रिश्तों के नाम *



* ये पैगाम दोस्ती रिश्तों के नाम *
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ए दोस्त तुम यूँ उदास होकर दूर न हमसे जाओ।
दर्द ए दिल के गम में यूँ आंसू न बहाओ।  
अभी जिंदगी का सफर तय करना तुम्हें काफी होगा।
जिंदगी के सफर में ऐसे काफी मोड़ आएंगे।
अपने-परायों से कदम-कदम पर तुम बिछड जाओगे।
कभी रिश्तों से बिछड़ने का गम होगा ,
तो कभी नए रिश्तों से जुड़ने की ख़ुशी होगी।    
ए दोस्त एक इल्तजा हम तुम से करते हैं।
तुम जाते-जाते हँसते मुस्कराते रहना।
दूर जाते हुए तुम अलविदा कभी न कहना।
जिंदगी के इस लम्बे सफर में ये कोई न जाने।
बिछड़े हुअों से कब कहाँ किस मोड़ पर मिलन हो जाएगा।
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* बिनेश कुमार * ३१जुलाई २०१४ *

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