* शायरी अंदाज *
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* दोस्तों :हकीकत मिक्स है शायरी अन्दाज में ऐसे.
दूध में पानी ,खीर में मीठा मिलाया जाता है जैसे।
* जिस तरह सूखे पेड को पानी देने पर ,
कभी हरियाली नहीं आती।
* वैसे ही अजनवी को अपनों के जैसा मानने पर,
कभी अपनेपन का अहसास नहीं मिलता।
* जैसे सूरज की तेज धूंप ,आसमान में बादल की गर्जन।
कभी रुक न सकी किसी के रोकने से।
* वैसे ही इंसान का असली नकली चेहरा (दिखावा )और पाप ,
कभी छुपा नहीं किसी के छुपाने से।
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* बिनेश कुमार * ०८ अगस्त २०१४ *
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