Saturday, 16 August 2014

* शायरी अंदाज *


* शायरी अंदाज *
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* दोस्तों :हकीकत मिक्स है  शायरी अन्दाज में ऐसे.
दूध में पानी ,खीर में मीठा मिलाया जाता है जैसे।

* जिस तरह सूखे पेड को पानी देने पर ,
  कभी हरियाली नहीं आती।

* वैसे ही अजनवी को अपनों के जैसा मानने पर,  
 कभी अपनेपन का अहसास नहीं मिलता।

* जैसे सूरज की तेज धूंप ,आसमान में बादल की गर्जन।
  कभी रुक न सकी किसी के रोकने से।

* वैसे ही इंसान का असली नकली चेहरा (दिखावा )और पाप ,
   कभी छुपा नहीं किसी के छुपाने से।  
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* बिनेश कुमार * ०८ अगस्त २०१४ *
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