* शायरी ( जीवन की हकीकत भी है ) *
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तुम निराश मत होना ,हम पास तुम्हारे है
हमारे बिच दुरी तो महज एक दिखावा है !
जो भी हो कोई सूरत ,हम तुम्हें पास अपने बुलालेंगे !
अगर तुम्हें वो मालुम हो , तो हमें तुम बता देना !
हर हाल में कोशिश करके , हम तुम्हें अपने पास बुला लेंगे !
तुम परेशान मत होना , ये हमें अच्छा नहीं लगता !
अगर कोई गम हो ऐसा , जो तुम्हें परेशान करता हो !
तुम हम पर विश्वास करके ,बस एक बार बता देना !
हर कोशिश करके हम तुम्हारा गम मिटा देंगे !
तुम्हें परेशान देखकर ,हम खुश रह नहीं सकते !
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२- ये कौन जनता है --
इंसान ने जिस जीवन को अपने कठिन परिश्रम्म के दम पर दरिया से एक सागार बनाया है !
एक दिन उसकी एक लहर उसी को डूबा देगी यारो !!
* जिस पौधे को इंसान अपनी महनत से सींचकर एक पेड़ बनाता है !
एक दिन उसी पेड़ की लकड़ी हमारी चिता में आग बनकर उन्हें जलाकर राख कर देगी यारो !!
*जिनके लिए इंसान अपने सुख -चैन छोड़कर उनकी ख़ुशी और कामयाबी के लिए पूरा जीवन बिता देता है यारो !
एक दिन वही अपने उनका दर्द भी बन जायेंगे यारो !!
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* बिनेश कुमार * ० ५ -० ५ -२ ० १ ३ .
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तुम निराश मत होना ,हम पास तुम्हारे है
हमारे बिच दुरी तो महज एक दिखावा है !
जो भी हो कोई सूरत ,हम तुम्हें पास अपने बुलालेंगे !
अगर तुम्हें वो मालुम हो , तो हमें तुम बता देना !
हर हाल में कोशिश करके , हम तुम्हें अपने पास बुला लेंगे !
तुम परेशान मत होना , ये हमें अच्छा नहीं लगता !
अगर कोई गम हो ऐसा , जो तुम्हें परेशान करता हो !
तुम हम पर विश्वास करके ,बस एक बार बता देना !
हर कोशिश करके हम तुम्हारा गम मिटा देंगे !
तुम्हें परेशान देखकर ,हम खुश रह नहीं सकते !
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२- ये कौन जनता है --
इंसान ने जिस जीवन को अपने कठिन परिश्रम्म के दम पर दरिया से एक सागार बनाया है !
एक दिन उसकी एक लहर उसी को डूबा देगी यारो !!
* जिस पौधे को इंसान अपनी महनत से सींचकर एक पेड़ बनाता है !
एक दिन उसी पेड़ की लकड़ी हमारी चिता में आग बनकर उन्हें जलाकर राख कर देगी यारो !!
*जिनके लिए इंसान अपने सुख -चैन छोड़कर उनकी ख़ुशी और कामयाबी के लिए पूरा जीवन बिता देता है यारो !
एक दिन वही अपने उनका दर्द भी बन जायेंगे यारो !!
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* बिनेश कुमार * ० ५ -० ५ -२ ० १ ३ .
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