*नन्ही नन्ही बूंदों की खास बात *
भाग -२
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रिमझिम -रिमझिम बूंदों की बरसात हो !
मौसम भी यूँ कुछ सुहाना खास हो !
दो प्रेमी के हाथों में हाथ हों !
पहली -पहली मुलाक़ात हो !
बदन पर धीमी धीमी बूंदों की बौछार हो !
दिल एक दूजे में खोये बेसुमार हों !
जगमगाती चाँदनी भरी रात हो !
गरमा गर्म पकौड़े चाय के साथ हो !
मन से मन की बात हो !
दूजा न कोई आस-पास हो !
बस जन्म जन्म का साथ हो !
बस जीवन भर प्यार की ही बरसात हो !
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*बिनेश कुमार *२३,जुलाई २०१५ *
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