Wednesday, 22 July 2015

*जुदाई में दोस्ती के नाम पैगाम *

*जुदाई में दोस्ती के नाम पैगाम *
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अ दोस्त जब तुम दूर हमसे चले जाओगे !
तो तुम याद बहुत आओगे !
हम एक दूजे की आवाज तो फोन पर सुन पाएंगे !
हम एक दूजे की सूरत न किसी हाल में देख पाएंगे !
बिन देखे चेहरा हाल ए दिल का न जान पाएंगे !
दुवारा मिलने की न कोई सूरत होगी !
बस पास हमारे यादों की मूरत होगी !
हमारे बीच में इतनी दुरी होगी !  
जिम्मेदारी की मज़बूरी होगी !
फेसबुक और फोन तक हमारी दोस्ती सीमित होगी!
फेसबुक पर लिखे शब्द पढ़कर और तस्वीर देखकर ,
हम हाल ए दिल एक दूजे का जान पाएंगे !
हम इस तरह ही दोस्ती अपनी सदां निभा पाएंगे !
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*बिनेश कुमार *२२,जुलाई २०१५ *

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