** रुतवा मोबाईल का **
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जब से दुनिया में मोबाईल है आया।
लोगों का सुख-चैन उसने उड़ाया ।
भूख-प्यास की परवाह नहीं जेब में मोबाईल होना चाहिए।
गाना आये या न आये कानों में गाने की धुन बजनी चाहिए।
जिंदगी बेसक दुर्लभ हो जाए आशिक की आवाज कानों में आनी चाहिए।
न दिन देखे न रात बस मोबाईल की घंटी बजनी चाहिए।
अपने पास जिंदगी में कुछ हो या न हो।
बस सोते -जागते अपने पास मोबाईल होना चाहिए।
बस सोते -जागते अपने पास मोबाईल होना चाहिए।
रिश्ते टूटें या छूटें झूठ का दामन न छोड़ेंगे।
जिंदगी आज मिटें या कल मगर मोबाईल न छोड़ेंगे।
माँ रूठे या बाप आशिक से बात करना न छोड़ेंगे।
हश्र रिश्तों का जो भी हो जाये,मोबाईल हम तेरा साथ न छोड़ेंगे।
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* बिनेश कुमार * २१ अप्रैल २०१४ *
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