Wednesday, 22 July 2015

*नन्ही नन्ही बूंदों की खास बात * भाग -२

*नन्ही नन्ही बूंदों की खास बात *
       भाग -२
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रिमझिम -रिमझिम बूंदों की बरसात हो !
मौसम भी यूँ कुछ सुहाना खास हो !
दो प्रेमी के हाथों में हाथ हों !
पहली -पहली मुलाक़ात हो !
बदन पर धीमी धीमी बूंदों की बौछार हो !
दिल एक दूजे में खोये बेसुमार हों !
जगमगाती चाँदनी भरी रात हो !
गरमा गर्म पकौड़े चाय के साथ हो !
मन से मन की बात हो !
दूजा न कोई आस-पास हो !
बस जन्म जन्म का साथ हो !  
बस जीवन भर प्यार की ही बरसात हो !
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*बिनेश कुमार *२३,जुलाई २०१५ *

*जुदाई में दोस्ती के नाम पैगाम *

*जुदाई में दोस्ती के नाम पैगाम *
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अ दोस्त जब तुम दूर हमसे चले जाओगे !
तो तुम याद बहुत आओगे !
हम एक दूजे की आवाज तो फोन पर सुन पाएंगे !
हम एक दूजे की सूरत न किसी हाल में देख पाएंगे !
बिन देखे चेहरा हाल ए दिल का न जान पाएंगे !
दुवारा मिलने की न कोई सूरत होगी !
बस पास हमारे यादों की मूरत होगी !
हमारे बीच में इतनी दुरी होगी !  
जिम्मेदारी की मज़बूरी होगी !
फेसबुक और फोन तक हमारी दोस्ती सीमित होगी!
फेसबुक पर लिखे शब्द पढ़कर और तस्वीर देखकर ,
हम हाल ए दिल एक दूजे का जान पाएंगे !
हम इस तरह ही दोस्ती अपनी सदां निभा पाएंगे !
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*बिनेश कुमार *२२,जुलाई २०१५ *