Tuesday, 3 June 2014

SWARAAJ




* स्वराज चाहिए *
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स्वराज चाहिए ,स्वराज चाहिए।

खून बहे या प्राण जाएँ स्वराज चाहिए।

गाडी ,बंगला ना दौलत चाहिए।

किसी भी बलिदान से मिले स्वराज चाहिए।

गुंडा राज का खात्मा होना चाहिए।

ऐसा देश में क़ानून बनना चाहिए।

बूढ़ा हो या बच्चा या हो  नौजवान।

कोई भी जुर्म करने से पहले घबराना चाहिए।

हर दिल में एक चाहत,आँखों में एक सपना होना चाहिए।

किसी भी कीमत पर मिले स्वराज मिलना चाहिए।

जुर्म को अनदेखा करने वाली आँखों से कह दो.

अब जीने के लिए गुंडों से डरना छोड़ दें।

अब चाहत रोटी -कपडा और पानी की ही नहीं है।

अब दिल में चाहत स्वराज की बढ़ने  लगी है।
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* बिनेश कुमार * ०३ जून २०१४ *   

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