* ॐ *
* शायरी अंदाज में कुछ खास *
---------------------------------------
* दोस्तों - तूफ़ान के आने से सागर कभी ठहरता नहीं जैसे।
किसी का जीवन कभी थमा नहीं किसी के चाहने से ऐसे।
* हर एक फूल को माला में लगाया नहीं जाता जैसे।
हर किसी को दोस्त बनाया नहीं जाता ऐसे।
* किसी को दोस्त बनाने के लिए पहले जांचा -परखा जाता है ऐसे।
लोहे और सोने को आग में तपाकर हत्यार और आभूषण का नाम देते हैं जैसे।
* पैड बबुल के सूल की कोई कदर नहीं होती जैसे।
बुरे (गलत) इंसानो की इस तरह कदर नहीं की जाती ऐसे।
* बिखरी हुई सींक को इकट्टा करके झाड़ू बनाई जाती है जैसे।
एक -एक ईंट को साथ जोड़कर घर बनाया जाता है ऐसे।
* एक -एक शब्द को जोड़कर एक पंक्ति बनती है जैसे।
पंक्ति को सजाकर कविता का नाम देते है ऐसे।
कवितों के पन्नो को एक साथ जोड़कर किताब नाम देते हैं ऐसे।
-------------
* बिनेश कुमार * ३ दिसंबर ,२०१३ * प्रातः ४ *
No comments:
Post a Comment