Tuesday, 24 December 2013

* नया युग ,नई सोच का उदय



       * ॐ *
* नया युग ,नई सोच  का उदय  *
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अब नया युग , नई सोच का उदय होने को है।
नया  इतिहास बनने को तैयार है।
घमंड का अंत बुरा होने को तैयार है।
हर तस्वीर दिखाने को दर्पण तैयार है।
आम आदमी पार्टी जिसका नाम है।
अटूट विश्वास ,हिम्मत व् हौंसला जिसका बुलंद हो।
कामयाबी की  जीत उसके पास है।
जब जब घमंड सिर चढ़कर बोला है।
घमंडी का अंत कंस और रावण जैसा हुआ है।
अच्छाई -सच्चाई से मिली कामयाबी में पराये भी सहारा बन जाते हैं।
बुराई -गुनाहों की  कीचड़ जब सन जाते हैं।
तब अपने व् अपना साया भी साथ छोड़ देता है।
वक्त आने पर एक दिन बेटा भी बाप बनता है।
नए युग को लाना तो युवाओं के हाथ में होता है।
इतिहास तो हर युग में बार -बार बदलता है।
इतिहास को बदलने वाले जिगर पैदा होने  चाहिए।
पुरानी कवर को उखाने से पुराने मुर्दे उखाड़े नहीं जाते।
नई कवर खोदने पर नए मुर्दे जरुर गाड़े जाते हैं।
पौधे को सींच कर पैड  बनाने वाले ,
फल खाने की  चाहत नहीं रखते।
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* जय हिन्द  -जय भारत , सतयमेव जयते  *   

* बिनेश कुमार  * २४ दिसंबर ,२०१३ *

Tuesday, 3 December 2013




 * ॐ *


       
*  शायरी अंदाज में कुछ खास  *
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*  दोस्तों - तूफ़ान के आने से सागर  कभी ठहरता  नहीं जैसे।
  किसी का जीवन कभी थमा नहीं किसी के चाहने से ऐसे।


* हर एक फूल को माला में लगाया नहीं जाता  जैसे।
 हर किसी को दोस्त बनाया नहीं जाता ऐसे।

* किसी को  दोस्त बनाने के लिए पहले जांचा -परखा जाता है ऐसे।
लोहे और सोने को आग में तपाकर हत्यार और आभूषण का नाम देते हैं जैसे।   

*  पैड बबुल के सूल की  कोई कदर नहीं होती जैसे।
  बुरे (गलत) इंसानो की  इस तरह कदर नहीं की जाती ऐसे।   


* बिखरी हुई सींक  को इकट्टा करके झाड़ू  बनाई जाती है जैसे।
 एक -एक ईंट को साथ जोड़कर घर बनाया  जाता है ऐसे।


* एक -एक शब्द को जोड़कर एक पंक्ति बनती है जैसे।
 पंक्ति को सजाकर कविता  का नाम देते है ऐसे।
 कवितों के पन्नो को एक साथ जोड़कर किताब नाम देते हैं ऐसे।
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*  बिनेश कुमार  * ३ दिसंबर ,२०१३ * प्रातः ४ *

Monday, 2 December 2013

* जन्म दिन की शुभकामनायें *




  *      ॐ    *

* जन्म दिन की  शुभकामनायें  *
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ए दोस्त मुबारक हो ये जन्म दिन  तुम्हारा।

खुशियों से भरा रहे  सदां आँगन तुम्हारा।

फूलों के जैसे - खिले ,महके  जीवन तुम्हारा।

तुम्हारी कामयाबी की चमक से  रोशन हो जीवन तुम्हारा।

ख़ुशी और कामयाबी के लिए आशीर्वाद सदा  रहेगा हमारा।

ये इंसानियत का रिस्ता जीवन भर निभाएंगे हम।

ये तुम से वादा  है दोस्त  हमारा। .
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          * बिनेश कुमार * ०२ ,दिसंबर २०१३ * प्रातः ४ बजे *