* वक्त का बदलता रुख *
एक वक्त होता है जब बड़े अपने छोटों का बचपन सँभालते है !
एक वक्त आता है जब छोटे अपने बड़ों का बुढ़ापा सँभालते है !
एक वक्त वो आता है ना बड़ों , ना छोटों के सहारे की जरुरत होती है !
उस वक्त में यंग अवस्था को हम उम्र का ही एक - दुसरे का साथी बनकर ,
एक -दुसरे का जीवन भर अंत तक साथ निभाते है !
ये वक्त भी कितना महान है अपने हर रूप की कीमत लगाई है !
न- १ -बड़े जब अपने छोटों का बचपन सँभालते है ,तो उन्हें प्यार होता है !
न - २- जब छोटे अपने बड़ों को सँभालते है तो उन्हें दौलत का लालच होता है !
न - ३- अपने आप में महान और अनोखा होता है ,
जिसमें कोई लालच नहीं ,केवल एक सच्चा प्यार होता है !
जब दो अनजाने मिलकर एक होकर प्यार को नया जन्म देते हैं ,
और जीवन भर एक साथ रहकर एक नई दुनियां बसाते है !
हमारे जीवन का माता और पिता का एक मात्र रिश्ता ऐसा है जो हमसे बिना किसी लालच के जुड़ा रहता है !
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* बिनेश कुमार * दिनांक -२५ -०३-१३।
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