Saturday, 17 August 2019

नया जोश  नई उमंग है
बदलाव का दिल में भरा जनून है
स्वर्ण अक्षरों में आज लिखी है
आजादी की नई कहानी
जिसमें ना गांधी जी ना नेहरु जी
ना चन्द्रशेखर ,शुभाष ना पटेल जी होंगे .
आज के इतिहास  में य़े नये नाम् जुड जायेंगे .
मोदी शाह डोवाल राजनाथ  सिंह जी
ओर वीर जवानों की वीरता की कहानी
नवभारत की तशवीर छपी होगी .
सेना ओर जनता ने ज़ो लिखी कहानी
उसकी भी हर तशवीर छपी होगी .
ज़ो 60वर्ष के राज में ना हुआ
वो आज जन्तंत्र के राज में
आजादी का अधुरा सपना साकार हुआ
आतंकवाद की लिखी कहानी ज़िसने .
वो पाकिस्तान खुद ही बर्वाद हुआ .
वंशवाद की राजनीती के
 इतिहास का अंत हुआ
नई दिशा में नई सोच के साथ
भारत ने आगे कदम बढाया है.
 भारत माता के नये सपूतों ने
गर्व से भारत का मान बढाया है 
जय हिन्द जय भारत जय  जवान .
*बिनेश कुमार *16/08/2019* प्रात :4बजे

Friday, 6 July 2018

नया जोश नई उमंग है बदलाव का दिल में भरा जनून है स्वर्ण अक्षरों में आज लिखी है आजादी की नई कहानी जिसमें ना गांधी जी ना नेहरु जी ना चन्द्रशेखर ,शुभाष ना पटेल जी होंगे . आज के इतिहास में य़े नये नाम् जुड जायेंगे . मोदी शाह डोवाल राजनाथ सिंह जी ओर वीर जवानों की वीरता की कहानी नवभारत की तशवीर छपी होगी . सेना ओर जनता ने ज़ो लिखी कहानी उसकी भी हर तशवीर छपी होगी . ज़ो 60वर्ष के राज में ना हुआ वो आज जन्तंत्र के राज में आजादी का अधुरा सपना साकार हुआ आतंकवाद की लिखी कहानी ज़िसने . वो पाकिस्तान खुद ही बर्वाद हुआ . वंशवाद की राजनीती के इतिहास का अंत हुआ नई दिशा में नई सोच के साथ भारत ने आगे कदम बढाया है. भारत माता के नये सपूतों ने गर्व से भारत का मान बढाया है जय हिन्द जय भारत जय जवान . *बिनेश कुमार *16/08/2019* प्रात :4बजे

 के सफर में .
अनेक सपने सजोय .
परिन्दों के घरोंदे जैसे नाजुक
कुछ सपने पुरे हुए .
कुछ चलते चलते टूट गए .
सफर के कुछ मोड पर
अपनों का साथ छूट गया .
चाहतों के बीच भवर में
मेरा जीवन फस कर रह गया .
दुसरों की खुवाईश पुरी करते करते
अपनी खुवाईशें भूल गया .
ज़िन्दगी ओर चाहतों की लडाई में
मैं सुख का आनन्द लेना भूल गया .
ज़िन्दगी के आखिरी सफर में
खामोश होकर ज़ाहान से चला गया .
ज़िन्दगी के इस सफर में
कौन है अपना कौन पराया
ये फर्क समझ नही पाया .
मैं जैसे जग में आया .
वैसे ही जग से चला गया .
मोह माया का बन्धन
बंधा ही रह गया .
       -----------------
*बिनेश कुमार *2/2/2018 *

Monday, 29 February 2016

“ संगठन की शक्ति एकता “









“ संगठन की शक्ति एकता “


एक फूल से गुलदस्ता ,एक ईंट से महल नहीं बनता !
एक धागे बिन मोती,फूलों का  हार नहीं  बनता !
हक़ बिन मांगे कभी नहीं मिलता !
अपने कदम बिन बढ़ाये कभी मंजिल नहीं मिलती !
गुलदस्ता हो या महल फूलों ,ईंटों की एकता बगैर नहीं बनता !
संगठन हो या संस्था जान बिन सहयोग नहीं चलता !
मन में लोभ-लालच ,डर है जहाँ,  सफलता की हार है वहां !
मन की सच्ची लगन एक दूजे पर विशवास है जहाँ ,
कामयाबी की सफलता का विकास है वहां !
            -----------
“जय हिन्द जय भारत “


: बिनेश कुमार :२९/०२/२०१६ :

Saturday, 30 January 2016

: होली का सन्देश :






 : होली का सन्देश :



बसंत ऋतू आई ,होली का सन्देश लेकर आई !
हमसब की खुशियां अपार लेकर आई !   
चारों तरफ रंग बिरंगी कलियाँ खिलने लगीं !
रंग बिरंगे फूल खिलकर महकने लगे !
भवरे उनके इर्द-गिर्द भिन -भिनाने लगे !
फूलों की खुशबू एक साथ फैलने लगी !
फागुन आया रे , फागुन आया रे !
दिल से दिल की नफ़रत मिटाने आया रे !
खुशियों से भरा रंगों का गुलदस्ता लाया रे !
रूठे दिलों को मिलाने फागुन आया रे !
फागुन आया रे ,फागुन आया रे !
दिलों में प्यार की ज्योत जलाने फागुन आया रे !
         --------------------


   : बिनेश कुमार  :३०/०१/२०१६ :      


Thursday, 28 January 2016

*मौसम की तरह बदलता इंसान *






               *मौसम की तरह बदलता इंसान *
                    ------------------------



जब बच्चपन था तुम्हारा हर रिश्ता प्यारा लगता था !

जब तुम बड़े होने लगे तो तो काम में व्यस्त रहने लगे !

तब तुम्हारे पास रिश्ते निभाने का वक्त नहीं था  !

जब अपने बूढ़े और लाचार होने लगे !

तब वे तुम्हें बोझ लगने लगे !

इस तरह अपने ही अपनों से नजरें चुराने लगे !


 : बिनेश कुमार : १२/०६ /२०१५ :